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कार्तिक पूर्णिमा 2024: गढ़ मुक्तेश्वर मेले में पहुंचे लाखों लोग, 15 नवंबर को करेंगे गंगा स्नान

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भारत के सांस्कृतिक और धार्मिक इतिहास में कार्तिक पूर्णिमा का विशेष महत्व है। इसे विशेष रूप से धार्मिक आस्था, भक्ति, और परंपराओं का पर्व माना जाता है, और गढ़ मुक्तेश्वर का प्रसिद्ध मेला इस अवसर पर अद्वितीय रूप से भक्तों के दिलों को जोड़ता है। हर साल कार्तिक पूर्णिमा के दिन लाखों श्रद्धालु गढ़ मुक्तेश्वर में एकत्र होते हैं, और इस बार 2024 में भी, 15 नवंबर को यह पवित्र गंगा स्नान का आयोजन विशेष रूप से आकर्षण का केंद्र बना हुआ है।

गढ़ मुक्तेश्वर, जो कि उत्तर प्रदेश के हापुड़ जिले में स्थित है, ऐतिहासिक और धार्मिक रूप से अत्यधिक महत्त्वपूर्ण माना जाता है। माना जाता है कि यहां भगवान शिव ने त्रिपुरासुर का वध किया था, और इसी कारण इसे 'मुक्ति' प्रदान करने वाला स्थान कहा गया है। कार्तिक पूर्णिमा पर गंगा स्नान करने से समस्त पापों से मुक्ति मिलने की मान्यता है। इसलिए, देश के कोने-कोने से लाखों श्रद्धालु यहाँ गंगा स्नान के लिए आते हैं और आस्था के साथ अपने पवित्र स्नान को सम्पन्न करते हैं।

इस वर्ष 2024 में गढ़ मुक्तेश्वर मेले की तैयारियों को लेकर विशेष इंतजाम किए गए हैं। मेले में आने वाले लोगों की सुरक्षा, स्वास्थ्य, और सुव्यवस्था का ध्यान रखते हुए प्रशासन ने व्यापक इंतजाम किए हैं। गंगा स्नान के लिए घाटों पर सफाई और सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए प्रशासन ने अतिरिक्त कर्मियों की तैनाती की है। इसके साथ ही स्वास्थ्य सेवा केंद्र, एम्बुलेंस और प्राथमिक उपचार सुविधाएं भी मेले के दौरान सक्रिय रखी गई हैं।

मेला स्थल पर धार्मिक आयोजनों के साथ-साथ सांस्कृतिक कार्यक्रम भी आयोजित किए जाते हैं, जिनमें लोक गीत, नृत्य, और झांकी प्रदर्शन प्रमुख आकर्षण होते हैं। गढ़ मुक्तेश्वर मेले में धार्मिक आयोजन जैसे कथा, आरती, भजन, और प्रवचन का भी आयोजन किया जाता है, जो लोगों की धार्मिक भावनाओं को और अधिक सशक्त करते हैं। इसके अतिरिक्त, मेले में विभिन्न प्रकार के स्टॉल और दुकानों पर स्थानीय हस्तकला, पारंपरिक वस्त्र, धार्मिक प्रतीक और भोजन सामग्री की बिक्री होती है, जो यहां के सांस्कृतिक धरोहर की झलक प्रस्तुत करती है।

इस पर्व का महत्व केवल धार्मिक नहीं, बल्कि सामाजिक भी है। कार्तिक पूर्णिमा पर गंगा स्नान करने वाले लोग इसे अपने जीवन में पवित्रता और सकारात्मकता लाने का एक माध्यम मानते हैं। गढ़ मुक्तेश्वर का यह मेला समुदाय को एक साथ लाने, परंपराओं को सहेजने और भावनात्मक जुड़ाव को मजबूत करने का एक महत्वपूर्ण अवसर प्रदान करता है। लाखों श्रद्धालुओं की भीड़ इस पर्व की महानता और लोगों की आस्था को दिखाती है।

कार्तिक पूर्णिमा के दिन गंगा स्नान का महत्व इतना गहरा है कि लोग इसे मोक्ष प्राप्ति का पर्व मानते हैं। धार्मिक मान्यता के अनुसार, इस दिन गंगा में स्नान करने से पापों से मुक्ति मिलती है और व्यक्ति की आत्मा को शांति प्राप्त होती है।

इस प्रकार, 2024 में गढ़ मुक्तेश्वर का मेला एक बार फिर से लाखों श्रद्धालुओं के लिए आस्था, भक्ति और उत्सव का केंद्र बना हुआ है। 15 नवंबर को जब भक्त गंगा में स्नान करेंगे, तो उनके मन में यही विश्वास होगा कि इस पवित्र स्नान से उनके जीवन में सुख, शांति और समृद्धि का आगमन होगा।

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